तूफ़ान...
तिनकों के नशेमन तक
इस मोड़ से जाते हैं।
आंधी की तरह उड़ कर
इक राह गुजरती है
शरमाती हुई कोई
कदमों से उतरती है।
इन रेशमी राहों में
इक राह तो वह होगी
तुम तक जो पहुंचती है
इस मोड़ से जाती है।
इक दूर से आती है
पास आ के पलटती है
इक राह अकेली सी
रुकती है न चलती है।
ये सोच के बैठी हूं
इक राह तो वो होगी
तुम तक जो पहुंचती है
इस मोड़ से जाती है।
इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते
कुछ तेज कदम राहें।
पत्थर की हवेली को
शीशे के घरौंदों में
तिनकों के नशेमन तक
इस मोड़ से जाते हैं।
### tuffan.###
*Rajni Kumari *
CREATIVE #R#
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